योगेन चित्तस्य पदेन वाचां, मलं शरीरस्य च वैद्यकेन।
योऽपाकरोत् तं प्रवरं मुनीनां, पतंजलि प्रांजलिरानतोऽस्मि।।
अर्थ- योग से चित्त का, पद (व्याकरण) से वाणी का व वैद्यक
से शरीर का मल, जिन्होंने दूर किया, उन मुनि श्रेष्ठ पतंजलि को
मैं अंजलि बद्ध होकर नमस्कार करता हूँ।
• Develop balance, focus and stability
• Relieve aches and pains of shoulders
• Massages the digestive organs and improves digestion
• Reducing the stiffness
•Makes the spine flexible
• Relaxes mind and body
• Ease stress and anxiety
• Releases back pain
• Tones the neck and back muscles
• Strengthens the back and shoulders
• Improves blood circulation
• Increasing flexibility